भारत अब वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। आईफोन निर्माता ऐपल (Apple) के बाद, अब गूगल (Google) भी भारत में अपने स्मार्टफोन का निर्माण करने की योजना बना रहा है। ताजगी भरी खबर यह है कि गूगल अपने फ्लैगशिप फोन ‘गूगल पिक्सल 8’ (Google Pixel 8) का निर्माण भारत में करेगा। इसके लिए गूगल ने भारतीय कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज (Dixon Technologies) को चुना है, जो इस फोन का निर्माण करेगी। संभावना है कि इस साल सितंबर तक भारत में इस शानदार स्मार्टफोन का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
Possibility of reduction in prices in Indian market
अगर भारत में गूगल पिक्सल 8 और पिक्सल 8 प्रो का निर्माण होता है, तो इसकी कीमत में कमी आने की संभावना है। वर्तमान में भारत में पिक्सल 8 (8GB RAM, 128 GB Storage) की कीमत 75,999 रुपये से शुरू होती है, जबकि पिक्सल 8 प्रो का मूल्य 1,06,999 रुपये से शुरू होता है। भारत में निर्माण होने से यह उम्मीद की जा सकती है कि घरेलू बाजार में इनकी कीमतें और भी किफायती हो सकती हैं।
Dixon Technologies Select
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डिक्सन टेक्नोलॉजीज को पिक्सल 8 का निर्माण करने के लिए चुना गया है। जल्द ही इसका ट्रायल प्रोडक्शन शुरू होने की संभावना है। गूगल की योजना न केवल भारत में बनने वाले पिक्सल 8 स्मार्टफोन को भारत में बेचने की है, बल्कि इसे अन्य देशों में भी निर्यात करने की है। यह निर्णय पिछले अक्टूबर में लिया गया था, जब गूगल ने भारत में पिक्सल 8 के निर्माण की योजना का खुलासा किया था।
Google CEO’s perspective
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “हमने #GoogleforIndia में स्थानीय स्तर पर पिक्सल स्मार्टफोन बनाने की योजना साझा की है और उम्मीद है कि पहला डिवाइस 2024 में लॉन्च होगा। हम भारत के डिजिटल विकास में एक विश्वसनीय भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मेक इन इंडिया के समर्थन की सराहना करते हैं।”
End of a year’s search
गूगल पिछले एक साल से संभावित भागीदार की तलाश में थी। विभिन्न कंपनियों से बातचीत के बाद, अंततः डिक्सन टेक्नोलॉजीज को पिक्सल 8 के निर्माण के लिए चुना गया। हालांकि, इस बारे में टिप्पणी करने से डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने इंकार किया है और कंपनी के चेयरमैन सुनील वछानी से भी संपर्क नहीं हो सका है।
भारत में निर्माण की इस नई पहल से न केवल भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी एक नया आयाम जुड़ेगा। यह कदम मेक इन इंडिया अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगा और देश को मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।