मारुति सुजुकी अपनी प्रतिष्ठित हैचबैक, ऑल्टो, को और अधिक कुशल और हल्का बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार की योजना बना रही है। कंपनी ने घोषणा की है कि दसवीं पीढ़ी के मॉडल में इसके वजन को 100 किलो कम किया जाएगा। यह नई ऑल्टो 2027 तक भारतीय बाजार में प्रवेश कर सकती है।
वजन में कमी और उसके प्रभाव
वर्तमान पीढ़ी की ऑल्टो, जो कि एक जापानी केई आकार की कार है, का वजन 680 किलोग्राम है। जब इसमें 100 किलोग्राम की कमी की जाएगी, तो इसका वजन 578 किलोग्राम रह जाएगा। यह वजन इसे 1970 के दशक की शुरुआत में आई मूल सुज़ुलाइट के बहुत करीब ले आएगा। वास्तव में, यह वजन इसे 1983 में लॉन्च की गई SS80 मारुति 800 से भी हल्का बना देगा।
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नई ऑल्टो के विशेषताएँ
वजन घटाने का मुख्य उद्देश्य ऑल्टो को एक छोटे और अधिक कुशल मॉडल में बदलना है, जैसा कि नई स्विफ्ट में Z12 इंजन के साथ देखा जा चुका है। यह इंजन नई डिजायर, वैगन आर, बलेनो और फ्रोंक्स जैसी कारों में भी मिलेगा। हल्की कार बनाने से कार निर्माताओं को छोटे इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड मॉडलों में बड़े बैटरी पैक लगाने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही, बड़े टैंक वाले सीएनजी मॉडल को भी इसका लाभ मिलेगा।
इस प्रकार, मारुति सुजुकी की नई ऑल्टो न केवल वजन में कमी के कारण अधिक कुशल होगी, बल्कि इसके अद्यतन इंजनों और तकनीकों के साथ यह भविष्य में एक और सक्षम विकल्प के रूप में उभर सकती है।
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